मोमबत्ती बनाने का व्यापार
कैसे शुरू करें? Candle Making Business in Hindi.
Candle Making यानिकी मोमबत्ती बनाने का व्यापार क्या अभी भी इतना प्रभावशाली है की कोई उद्यमी इस तरह का यह व्यापार शुरू करके पैसे कमाने की उम्मीद कर सकता है? जी हाँ दोस्तों वर्तमान परिदृश्य में शायद यह प्रश्न बहुत सारे लोगों के दिमाग में आता होगा वह इसलिए क्योंकि पहले लोग अक्सर मोमबत्ती का इस्तेमाल रौशनी करने के लिए करते थे। लेकिन वर्तमान में चूँकि रोशनी के लिए अनेकों तकनीकी का इजाद हो चूका है। इसलिए लोग बिजली या सौर उर्जा से चार्ज होने वाले टोर्च, बल्ब इत्यादि का इस्तेमाल भी रोशनी के लिए करने लगे हैं। वैसे देखा जाय तो आज लगभग हर गाँव शहर में विद्युत् पहुँच चुकी है लेकिन जब विद्युत् चली जाती है तो लोग इनवर्टर, टोर्च, बल्ब इत्यादि का इस्तेमाल घरों, कमरों में रौशनी के लिए करते हैं। पहले इस स्थिति से निबटने के लिए लोग ज्यादातर मोमबत्ती का ही इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है की Candle Making Business बिलकुल विलुप्त ही हो गया है। बल्कि सच्चाई यह है की आज भी जब लाइट चली जाती है तो लोग मोमबत्ती का इस्तेमाल रौशनी के लिए करते हैं। इन सबके अलावा मोबत्तियों का इस्तेमाल तरह तरह की सजावट एवं त्योहारों में बहुतायत एवं व्यापक तौर पर किया जाता है। इसलिए आज भी Candle making यानिकी मोमबत्ती बनाने का यह काम सैकड़ों उद्यमियों की आजीविका का साधन बना हुआ है।
वर्तमान परिदृश्य में मोमबत्ती उद्योग
भले
ही मोमबत्ती के पारम्परिक अनुप्रयोगों में थोड़ी कमी आई हो लेकिन सच्चाई यह है की
बदलते समय के साथ मोमबत्ती का इस्तेमाल का तरीका भी बदलता गया है। और इसमें कोई दो
राय नहीं की समय के साथ इसके अनुप्रयोगों में भी वृद्धि देखी गई है। जहाँ पहले
केवल मोमबत्तियों का इस्तेमाल रौशनी करने के उद्देश्य से किया जाता था आज इनका
इस्तेमाल घरों एवं कार्यालयों की सजावट के लिए भी किया जाता है। कई तरह की
राजनैतिक रैलियों, विरोध प्रदर्शनों इत्यादि में भी
मोमबत्तियों का इस्तेमाल व्यापक तौर पर देखा गया है। इन सबके अलावा दीवाली,
क्रिसमस जैसे त्योहारों में तो इनकी मांग हर छोटे बड़े बाजार में
सर्वाधिक हो जाती है। इन सबके अलावा लोगों की बढती आय एवं उनकी बढती खर्च करने की
क्षमता के कारण सुगन्धित मोमबत्तियों की मांग में काफी वृद्धि देखी गई है। हालांकि
यदि वैश्विक मोमबत्ती बाजार की बात करें तो यह अनेक श्रेणियों में विभाजित है
इसमें रौशनी करने वाली मोमबत्ती, खुशबूदार मोमबत्ती, सजावटी मोमबत्ती, टी लाइट, पिलर,
कार्ट्रिज कैंडल, बर्थ डे मोमबत्ती इत्यादि
सभी कुछ शामिल हैं। वर्तमान में बर्थ डे कैंडल की मांग पूरे वैश्विक बाजार में
सर्वाधिक है वह इसलिए क्योंकि इनका इस्तेमाल जन्मदिन, एनिवर्सरी,
विदाई, पदोन्नति इत्यादि अवसरों पर किया जाता
है जो की मनुष्य के जीवन में आते रहते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक कैंडल इंडस्ट्री
वर्ष 2019 से लेकर 2026 तक CAGR
Rate 6.3% की दर से आगे बढ़ेगी और वर्ष 2026 तक
USD 13.72 Billion की इंडस्ट्री बन जायेगी। हालांकि आज भी Candle
Making Business से जुड़े हुए अधिकतर उद्यमी असंगठित क्षेत्रों से
ही जुड़े हुए हैं।
मोमबत्ती
बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start Candle Making Business)
मोमबत्ती
की यदि हम बात करें तो यह आम तौर पर मोम से निर्मित एक बेलनाकार या चपटा टुकड़ा
होता है जिसमें एक बाती लगी हुई होती है । इस बाती को जलाकर मोमबत्ती से प्रकाश या
रौशनी पैदा लारने के लिए किया जाता है। और यह तब तक जलती रहती है जब तक पूरी
मोमबत्ती का मोम पिघलकर समाप्त नहीं हो जाता है। जहाँ तक Candle
Making Business का सवाल है इसे किसी भी व्यक्ति द्वारा आसानी से
बेहद कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। कहने का आशय यह है की मोमबत्ती बनाने
की यह प्रक्रिया भी काफी आसान होती ही जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ सकता है।
छोटे स्तर पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए कोई भारी भरकम मशीनरी इत्यादि
की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए उद्यमी चाहे तो इस Candle Making Business
को अपने घर के किसी खाली कमरे से भी आसानी से शुरू कर सकता है। तो
आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति मोमबत्ती बनाने का बिजनेस शुरू कर सकता है।
1. स्थानीय क्षेत्र में मांग का पता लगायें
जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की वर्तमान में बाजार
में अनेकों प्रकार की मोमबत्तियों की मांग है। इसलिए Candle
Making Business शुरू कर रहे उद्यमी के लिए इस बात का पता लगाना
बेहद आवश्यक हो जाता है की जिस एरिया में वह इस तरह का यह व्यापार शुरू करना चाहता
है । वहां पर किस प्रकार की मोमबत्ती की मांग अधिक होगी और लोग किन किन अवसरों पर
और कौन से काम के लिए मोमबत्ती खरीदना पसंद करते हैं। शुरुआत में स्थानीय मार्किट
को ही टारगेट में रखना इसलिए बेहद जरुरी है क्योंकि उत्पाद को अन्य क्षेत्रों में
भेजने के लिए उद्यमी को ट्रांसपोर्टेशन लागत भी वहन करनी पड़ेगी। जिससे उसके
उत्पाद का मूल्य प्रतिस्पर्धी मूल्य की तुलना में अधिक हो सकता है और उसको बेचना
उद्यमी के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है। इसलिए शुराती दौर में जहाँ वह बिजनेस
शुरू कर रहा हो उसके आस पास ही अपनी मोमबत्ती को बेचने की कोशिश करनी चाहिए। और
इसके लिए यह बेहद जरुरी हो जाता है की उद्यमी उस एरिया विशेष में लोगों की
मोमबत्ती सम्बन्धी मांग का पता लगाये।
2. वित्त का प्रबंध करें (Finance
Arrangement for Candle making Business)
यद्यपि इसमें कोई दो राय नहीं की Candle
Making Business बेहद कम निवेश से शुरू किये जाने वाले व्यवसायों की
लिस्ट में शामिल है। इसलिए उद्यमी इस तरह का यह बिजनेस मात्र कुछ हज़ार रुपयों का
निवेश करके भी शुरू कर सकता है। और जहाँ तक कुछ हज़ार रुपयों के प्रबंध का सवाल है
उद्यमी चाहे तो अपनी बचत से भी यह काम कर सकता है और पारिवारिक सदस्यों या
जानकारों से ऋण लेकर भी इस बिजनेस को शुरू कर सकता है। लेकिन यदि उद्यमी के पास ये
सभी विकल्प मौजूद नहीं है तो वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु ऋण के लिए
आवेदन कर सकता है। कहने का आशय यह है की मोमबत्ती उद्योग के लिए वित्त की व्यवस्था
करना बेहद जटिल एवं चुनौतीपूर्ण कार्य बिलकुल भी नहीं है।
3. मोमबत्ती बनाने की मशीन खरीदें
बाजार में Candle making Business
शुरू करने के लिए अनेकों प्रकार की मोमबत्ती बनाने की मशीन जिनकी
कीमतें बीस हज़ार से अस्सी हज़ार के बीच कुछ भी हो सकती है विद्यमान हैं। इसलिए
उद्यमी अपनी व्यापारिक योजना, उत्पादन क्षमता एवं बजट के
आधार पर इस बात का निर्णय ले सकता है की उसके लिए कौन सी मशीन उपयुक्त रहेगी।
लेकिन शुरूआती दौर में कोई कीमती या ज्यादा उत्पादन क्षमता वाली मशीन खरीदना
व्यवसायिक दृष्टी से लाभप्रद नहीं है। बल्कि Candle Making Business तो ऐसा बिजनेस है उद्यमी चाहे तो इसे बिना मशीन की मदद के भी शुरू कर सकता
है और जैसे जैसे उसके मोमबत्तियों की मांग बढ़ने लगे वैसे वैसे मशीन खरीदकर अपनी
उत्पादन क्षमता भी बढ़ा सकता है। जहाँ तक मशीन के सप्लायर का सवाल है उद्यमी
इन्हें ऑनलाइन इंडियामार्ट जैसी वेबसाइट के माध्यम
से भी ढूंढ सकता है।
4. मोमबत्ती बनाने के लिए उपकरण एवं कच्चा माल खरीदें
जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की Candle
making Business शुरू करने के लिए उद्यमी को शुरूआती दौर में कीमती
मशीन इत्यादि खरीदने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि वह चाहे तो कुछ प्रकार के अलग अलग
सांचे, मोम, धागा, ईथर का तेल, सुगंधी, रंग
इत्यादि खरीदकर इस व्यापार को आसानी से शुरू कर सकता है। खास बात यह है की
मोमबत्ती बनाने के सांचे एवं इस प्रक्रिया में इस्तेमाल में लाये जाने वाला कच्चा
माल किसी भी स्थानीय बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसके लिए उद्यमी को सप्लायर,
डिस्ट्रीब्यूटर इत्यादि ढूँढने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
5. मोमबत्ती बनायें एवं बेचें (Make Candle and Sell Them)
वैसे
Candle making Business शुरू करने वाला उद्यमी चाहे
तो बिना आर्डर के उस तरह की मोमबत्तियाँ बना सकता है जो उसे लगता है की उस एरिया
में वे आसानी से एवं जल्दी से बिक जाएँगी। या फिर उद्यमी चाहे तो स्थानीय बाज़ारों
में दुकानदारों से संपर्क करके उनसे उनकी मोमबत्ती सम्बन्धी मांग के बारे में जान
सकता है और उनसे आर्डर लेने के बाद मोमबत्ती निर्माण का काम शुरू कर सकता है। यह
उद्यमी पर निर्भर करता है की वह पहले निर्माण करके मार्केटिंग करना चाहता है या
मार्केटिंग करके आर्डर लेकर फिर मोमबत्ती का निर्माण करना चाहता है।
मोमबत्ती
बनाने का तरीका (Candle Making Process in Hindi)
यद्यपि
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में स्पष्ट कर चुके हैं की शुरूआती दौर में Candle
making Business शुरू करने के लिए कीमती मशीन खरीदना कही से कहीं तक
बुद्धिमानी नहीं है। अब कुछ लोगों के मन में सवाल यह उठ रहा होगा की यदि कैंडल
बनाने वाली मशीन नहीं खरीदेंगे तो फिर मोमबत्ती बनायेंगे कैसे? इसलिए आगे यहाँ पर Candle Making Process के बारे
में जानना बेहद जरुरी हो जाता है। ध्यान रहे मोमबत्ती बनाने के लिए आपके पास मशीन
हो न हो लेकिन विभिन्न आकार प्रकार के सांचे एवं सम्पूर्ण कच्चा माल होना अति
आवश्यक है।
§
Candle Making Process में सबसे पहले उद्यमी जिस आकार एवं प्रकार की मोमबत्ती बनाना चाह रहा
हो उस आकार प्रकार के सांचे लेने होते हैं। और उन सांचों में धागा यानिकी बत्ती को
डाल देना होता है।
§
अब उद्यमी के पास कच्चे माल के तौर पर जो मोम है अब उद्यमी को उसे
पिघलाना है इसके लिए उद्यमी किसी बड़े बर्तन में मोम को चूल्हे पर रखकर गर्म कर
सकता है।
§
मोम को गरम करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें की मोम गर्म होने
से तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जायेगा इसलिए इसे आवश्यकतानुसार ही गर्म करें।
§
अब यदि उद्यमी मोमबत्ती को रंगीन बनाना चाहता है तो वह जिस भी रंग
की मोमबत्ती का निर्माण करना चाहता है इस तरल मोम में वह रंग डाल दे और फिर उसे
अच्छी तरह मिला ले।
§
इसके बाद पिघले हुए मोम में उद्यमी चाहे तो कुछ सुगंधी भी मिला
सकता है और फिर इस पिघले हुए मोम को सांचों में भरा जाता है। इस Candle Making Process में एक बात का
विशेष ध्यान रखना होता है की सांचों में मोम अच्छी तरीके से भरा जाय।
§
सांचों में मोम भरे जाने के कुछ मिनटों बाद ही मोम जम जाता है और
उद्यमी के मनमुताबिक मोमबत्ती का निर्माण हो जाता है । उसके बाद उद्यमी इन्हें
पैकिंग करके मार्किट में बेचने के लिए उतार सकता है ।


aap material provide kara sakte he
ReplyDeleteGood.....
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